नई दिल्ली: मथुरा में गुरुवार को हुई हिंसा में एक बड़ा खुलासा हुआ है. मथुरा के डीएम बात करते हुए कहा कि गुरुवार को ऑपरेशन हुआ दरअसल वो ऑपरेशन था ही नहीं. वो ऑपरेशन की तैयारी थी.
डीएम ने कहा, ”फोर्स वहां इस बात का जायजा लेने गई थई कि कहां-कहां फोर्स लगानी है और कैसे ऑपरेशन को अंजाम देना है. इसी कार्यवाही को दौरान सामने वाले पक्ष ने अचानक से हमला कर दिया. इसके बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. जिस जगह को दो साल से अतिक्रमण किया था वो पूरी तरह खाली करवा लिया गया.”
आपको बता दें मथुरा में कल यानी गुरुवार को हुई हिंसा के दौरान घायल हुए सिटी एसपी मुकुल द्विवेदी ने दम तोड़ दिया है. थाना प्रभारी संतोष यादव भी शहीद हो गए हैं.
हिंसा उस समय भड़की जब पुलिस की टीम जवाहर बाग में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा पहुंची. ढाई हजार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया. पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई और धारदार हथियारों से वार किया गया. हमले में दो पुलिसवालों की मौत हो गई जबकि 22 उपद्रवी भी मारे गए.
यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने हिंसा की जांच का आदेश दे दिए हैं..शहीद पुलिसवालों के परिवार को 20-20 लाख रुपये देने का भी एलान किया गया है.
एसपी के परिवार वालों का आरोप
हिंसा में शहीद हुए मुकुल द्विवेदी का आज मथुरा में अंतिम संस्कार कर दिया गया. यूपी के औरैया जिले के रहने वाले मुकुल के परिवार वालों का कहना है कि सरकार की नाकामी की वजह से उनके बेटे की जान गई. एसपी मुकुल द्विवेदी अपने पीछे माता-पिता के अलावा दो बेटों और पत्नी को छोड़ गए हैं
हिंसा में शहीद हुए मुकुल द्विवेदी का आज मथुरा में अंतिम संस्कार कर दिया गया. यूपी के औरैया जिले के रहने वाले मुकुल के परिवार वालों का कहना है कि सरकार की नाकामी की वजह से उनके बेटे की जान गई. एसपी मुकुल द्विवेदी अपने पीछे माता-पिता के अलावा दो बेटों और पत्नी को छोड़ गए हैं