गाय के लिए होगा तीसरा विश्व युद्ध : स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी

मध्य प्रदेश गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की एग्जिक्युटिव काउंसिल के अध्यक्ष महामंडलेश्व स्वामी अखिलेश्वरानंद ने गाय पर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। स्वामी की मानें तो तीसरा विश्व युद्ध गाय पर होगा।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि गाय पर हमेशा से तकरार होती रही है। उन्होंने कहा, ‘मिथकों में भी इसके संदर्भ हैं और 1857 में आजादी की पहली लड़ाई भी गाय पर ही शुरू हुई थी।’
निरंजनी अखाड़े ने मार्च 2010 में स्वामी अखिलेश्वरानंद को महामंडलेश्वर की उपाधि दी थी। पीएम मोदी ने हाल में ही ‘गौरक्षकों’ के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा था कि लोग गौरक्षा के नाम पर दुकान खोलकर बैठ गए हैं। पूरी रात असमाजिक कार्यों में लगे रहते हैं और दिन में गौरक्षक का चोला ओढ़ लेते हैं।
स्वामी ने गौरक्षकों का बचाव करते हुए कहा कि मरी या घायल गायों को गाड़ी में बंद देखने के बाद गौरक्षकों का गुस्से में आना जायज़ है। स्वामी अखिलेश्वरानंद के मुताबिक यह गौरक्षकों की भावना से जुड़ा मामला है। हालांकि उन्होंने कहा कि गौरक्षकों को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। पुलिस का इंतजार करना चाहिए।
आपको बता दे कि गुजरात के ऊना में कथित गौरक्षकों द्वारा दलित युवकों की पिटाई के मामले ने तूल पकड़ रखा है।

भाड़ा मांगने पर बदमाशों ने की दलित से मारपीट, शरीर पर किया पेशाब

बिहार। देश भर में दलितों पर होते चोतरफा अत्याचार का नया मामला बिहार के मुजफ्फरपुर से प्रकाश में आया है। जहां पर एक दलित के साथ मारपीट पर उसके शरीर पर थूकने और उस पर पेशाब करने का मामला सामने आया है। दलित पीड़ित का आरोप है कि वह सीमेंट पहुंचाने गया था जिसके बाद उसने किराया मांगा लेकिन बदमाशों ने किराया देने के बजाय घटना को अंजाम दिया। पीड़ित ने रविवार को एससी-एसटी थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बदमाशों पर थूक फेंकने शरीर पर पेशाब करने का आरोप लगाया है। 

मुजफ्फरपुर के बरूराजथाना क्षेत्र के परसौनीनाथ गांव का छठू रोजीरोटी के लिए ठेला चलाता है। उसके अनुसार 4 दिन पूर्व सुबह में फुलवरिया चौक पर ठेला लगाए हुए था। इसी बीच फुलवरिया गांव के व्यक्ति ने उसे ट्रक से उतारी गई पांच बोरी सीमेंट उसके दरवाजे पर पहुंचाने को कहा। छठू और उस व्यक्ति के बीच 60 रुपए भाड़ा तय हुआ लेकिन वहां पहुंचने पर वे लोग 30 रुपये भाड़ा देने लगे। इसका विरोध करने पर गाली-गलौज कर उसके साथ मारपीट की गई।

छठू का आरोप है कि उसे जमीन पर पटक कर चेहरे और शरीर पर छह लोगों ने थूक दिया। फिर बदमाशों के इशारे पर उसके मुंह शरीर पर पेशाब भी किया गया। घटना के बाद से ही वह अपमानित महसूस कर रहा है। पीड़ित ने बताया कि घटना के बाद आसपास के लोगों के जुटने पर आरोपी वहां से भाग निकला। उसे हत्या की धमकी भी दी गई है।

भूख लगने पर दुकानदार ने दी दलित मासूमों को इतनी बड़ी सजा, जानकर आप भी कांप उठेंगे

नई दिल्ली। अभी गुजरात में हुए दलितों पर अत्याचार की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक और मामला सामने आ गया। लगातार दलितों पर होते चोतरफा अत्याचार से जहां एक ओर देश भर में दलितों पर अत्याचार के खिलाफ बुलंद आवाज उठ रही है वहीं दूसरी ओर यूपी में दलितों पर अत्याचार की कहानी खुले आम लिखी जा रही है। मामला है यूपी के पीलीभीत का जहां दो दलित मासूम बच्चों के केवल इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने भूख लगने पर दूकान से मजबूरी में सब्जी उठा ली थी।

लेकिन दुकानदार ने दोनों बच्चों को इस काम की ऐसी सजा दी की देखने वाले भी सन्न रह गए। 10 और 12 साल के इन दोनों मासूमों को दुकानदार ने पहले कड़ी धूप में खंभे से बांधा फिर उनकी जमकर बेरहमी से पीटाई की। दुकानदार ने दोनों बच्चों को इतना पीटा की देखने वाले भी कांप उठे। जब यह वाक्य चल रहा था तभी वहां से गुजर रहे एक राहगीर ने पुलिस को इस बर्बता की जानकारी दी। जिसके बाद इन मासूमों को पुलिस ने आकर छुड़ाया। लेकिन सपा सरकार की  पुलिस ने दुकानदार को मामूली चालान करके छोड़ दिया। इतना ही नहीं पुलिस ने इन दोनों बच्चों को उनके परिजानों तक पहुंचाने तक की जहमत तक नहीं उठाई और उन्हें सड़क पर ही छोड़ कर चले गए।


हैरत की बात तो यह है कि जब यह सब कुछ सरेआम हो रहा था तो वहां पर मौजूद सभी लोग केवल तमाशबीन बन कर खड़े हुए थे। किसी ने भी आगे आकर उन मासूम बच्चों को छुड़ाने की कोशिश तक नहीं की।

हाहाहा अब यह अजीब बात सुने: आरएसएस के गौ सेवा प्रमुख बोले, गाय का गोबर खतम करता है मोबाइल रेडिशन..

अब गाय का गोबर विज्ञान  की बजाय काम करेंगे........
"आगरा और मथुरा के दौरे पर आए आरएसएस के अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख शंकर लाल का मानना है कि गाय के गोबर से मोबाइल का रेडिएशन रोका जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि मोबाइल पर गोबर लगा देने से उसके रेडिशन का प्रभाव नहीं पड़ता है।"


पीएम मोदी के डिजीटल इंडिया की सोच में आरएसएस के एक नेता की ऐसी राय विरोधाभास का जोरदार तड़का लगाती है। शंकर लाल का कहना है कि गाय हमारी माता है। उसकी पेशाब बहुत मूल्‍यवान है। यह लोगों को कई रोगों से बचाती है।
उन्‍होंने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस से एक बातचीत में कहा कि अगर गाय के गोबर से कैंसर का इलाज हो सकता है तो वह हमें मोबाइल रेडिएशन से भी बचा सकता है। शंकर लाल ने कहा कि गुजरात के जूनागढ़ में वैज्ञानिक ने गाय की पेशाब में बहुत मूल्‍यवान तत्‍व पाए हैं। शंकर लाल ने कहा कि वह अपने मोबाइल में हर सप्‍ताह ताजा गोबर लगाते हैं। उन्‍होंने कहा कि उनकी टीम के महिला, युवा सहित सभी सदस्‍य अपने मोबाइल में गाय का गोबर लगाते हैं।

शंकर लाल ने कहा कि फोन की हानिकारक किरणें शरीर की ऊर्जा को शोषित कर लेती हैं। मोबाइल पर गोबर लगाकर आदमी अपनी ऊर्जा बचा सकता है।

मुस्लिम भेड़िया,सत्ता का भिखारी: विहिप और हिंदू सेना द्वारा ये शब्द मोदी के लिए उपयोग किया गया उनके बयान को पढ़ने के लिए क्लिक करें

मुस्लिम भेड़िया,सत्ता का भिखारी: विहिप और हिंदू सेना द्वारा ये शब्द मोदी के लिए उपयोग किया गया उनके बयान ..................



मोदी ने वोटो के लियें गौरक्षको का अपमान किया है ,अब चुनाव में हारेंगे -विहिप

पीएम मोदी हिंदूवादी संघठनो के निशाने पे है विहिप ने भी मोदी की आलोचना की है विहिप का दावा गौरक्षको के खिलाफ बयानबाज़ी पर प्रधानमंत्री को 2019 में इसकी कीमत चुकानी होगी।

यह बात आगरा की विश्व हिंदू परिषद की युनिट के उपाध्यक्ष सुनील पाराशर ने कही है। उन्होंने कहा कि मोदी ने ऐसा बयान देकर गौरक्षकों का अपमान किया है।
सुनील ने कहा, ‘हजारों कसाई लाखों गायों को हर साल काट रहे हैं उन्हें गुंडा नहीं बोला गया बल्कि गुंडा गीता रंबिया (जो अहमदाबाद में सालों पहले मारे गए थे) जैसे लोगों को बताया गया। इससे दिखता है कि प्रधानमंत्री मोदी का दिल अब बदल गया है। लेकिन मैं अब भी यही कहूंगा कि पूरे देश में गौ हत्या पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। मोदी को अगले लोकसभा चुनाव में इसकी कीमत चुकानी ही होगी।’
उन्होंने VHP को बताया गौ रक्षा करने वाला इकलौता संगठन है मीडिया से बातचीत में सुनील ने यह भी दावा किया कि विश्व हिंदू परिषद इकलौता ऐसा संगठन है जो गौ रक्षा के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को एक सर्वे करवाकर यह पता लगाना चाहिए कि कौन सी ‘दुकानें’ ऐसी हैं जो गौरक्षा के नाम पर गाय का मांस बेच रही हैं। सुनील यहीं नहीं रुके, उन्होंने पीएम को यह भी सलाह दे डाली कि वह पाकिस्तान के साथ ज्यादा दोस्ती भरा रिश्ता ना बनाएं। वर्ना केंद्र में उनकी कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।


गौरक्षको के खिलाफ बयानबाज़ी पर हिन्दू सेना ने मोदी को “मुस्लिम भेड़िया” बताया


हिन्दू सेना ने गौरक्षको के खिलाफ पीएम मोदी के बयानों पर अपनी नाराज़गी सोसल मीडिया पे बेहद तीखे शब्दों में दी है ट्विटर पे खुदको हिन्दू सेना का नेता बताने वाले विष्णु गुप्ता ने लिखा है

मोदी ने 24 घंटे मैं दो बार गौरक्षक को गुंडा कहते हुए चेतावनी दी  मोदी का पुतला फूंकेगी,अगर शर्म हो तो,माफ़ी मांगे
विष्णु गुप्ता ने कहा की मोदी को सत्ता का नशा है वो हिंदुत्व का चोगा ओढ़े एक मुसलमान भेड़िया है जो इस्लाम को तो शांति का मजहब बताता है पर गौरक्षको को रात का अपराधी
उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज्य राजस्थान में रोजाना 30 गाय सरकारी गौशाला में ही मर रही है साफ़ है नरेंद्र मोदी ना देश में गौरक्षा का कानून बना रहे है और ना ही बीजेपी को गाय की कोई फ़िक्र है।

लेकिन याद रहे इन सब एक ही हैं ....



भाजपा, कांग्रेस , आम आदमी पार्टी , बसपा और सब एक ही हैं;गर्भवती महिलाओं की दवा ही डकार गई मायावती सरकार


भाजपा, कांग्रेस , आम आदमी पार्टी , बसपा और सब एक ही हैं


दलितों और पिछड़ों की मसीहा बनने वाली यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी सरकार के कार्यकाल में बिरादरी की गर्भवती महिलाओं को भी नहीं बख्शा. दरअसल नेशनल हेल्थ मिशन (NRHM ) के तहत राज्य की गरीब महिलाओं को भेजी जाने वाली दवाइयों के नाम पर करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा किया. जिसके चलते गांव की दलित और पिछड़ी जाति की गरीब महिलाओं को सरकार के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों से मुफ्त में बांटी जाने वाली दवाइयां ही नहीं दी गयी.

आयरन फोलिक टेबलेट ही नहीं खरीदी

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देश की गरीब जनता के तहत अपनी नेशनल हेल्थ मिशन योजना चला रखी है. जिसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं में पायी जाने वाली एनिमा की कमी को दूर करने के लिए आयरन फोलिक टेबलेट ‘ IFA ‘ ख़रीदे जाने का जो बजट राज्य सरकार को भेजा था. उसकी खरीद सिर्फ कागजों पर ही की गयी. जिसके चलते दलित और पिछड़ी जाति की गर्भवती महिलाओं को मायावती के ही कार्यकाल में मुफ्त में दी जाने वाली दवाइयां ही नहीं बांटी गयीं.



सूत्रों के मुताबिक महिलाओं को बांटी जाने वाली यह दवा गर्भवती महिलाओं को इस लिए डॉ खाने को बोलते हैं ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहें. बताया जाता है कि बसपा की सरकार के राज में मायावती के सबसे करीबी मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा ने अपने चहेती कंपनियों से इस दवा को खरीदने के नाम पर सूबे के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को बिना दवा लिए ही भुगतान करने के आदेश फोन पर दे दिए. नतीजतन कागजों की लिखा-पढ़ी में तो दवा खरीदी गयी, लेकिन गांव की गरीब गर्भवती दलित और पिछड़ी महिलाओं को दवा बांटी ही नहीं गयी.

‘वेश्या’, ‘हरामजादा’… ये है इन भाजपा नेताओं की भाषा सभी बयानों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...


हालांकि यह पहली बार नहीं हैं जब भाजपा के किसी नेता की ओछी टिप्पणी या बयानबाजी के चलते पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा हो। पढ़िए इससे पहले कब-कब हुआ ऐसा


विवादित बयान देने में आगे रहने वाले भाजपा सांसद।
भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह का एक बयान पार्टी के लिए गले की हड्डी बन गया। दरअसल उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती की तुलना वेश्या से कर दी। सिंह ने कहा कि मायावती पैसे लेकर टिकट बांटती हैं और वह सेक्स वर्कर्स से भी ज्यादा बद्तर महिला हैं। सिंह ने कहा कि मायावती अपने ग्राहकों के प्रति ज्यादा वफादार हैं। यह मुद्दा राज्य राज्यसभा में जमकर गूंजा और सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई। भाजपा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल दयाशंकर को पद से हटा दिया और शाम होते-होते उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित भी कर दिया। सिंह के बयान की सभी राजनैतिक दलों ने एक सुर से निंदा की थी। खुद प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के निर्देश पर सिंह को उत्‍तर प्रदेश भाजपा के उपाध्‍यक्ष पद समेत पार्टी के सभी पदों से मुक्‍त कर दिया गया है। यही नहीं, पार्टी ने सिंह को 6 साल के लिए सस्‍पेंड भी किया है।
मायावती पर अभद्र टिप्‍पणी को लेकर बुधवार को संसद में खूब हंगामा मचा। बयान की जानकारी मिलते ही राज्‍यसभा में मायावती ने पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखा। उन्‍होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर ‘इस मामले पर किसी तरह की हिंसा भड़कती है तो बसपा या वे उसे रोक नहीं पाएंगी।’ हालांकि यह पहली बार नहीं हैं जब भाजपा के किसी नेता की ओछी टिप्पणी या बयानबाजी के चलते पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा हो। पार्टी के बयान बहादुरों में साध्वी निरंजन ज्योति, योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज और ऐसे कई चेहरे शामिल हैं। आइए आपको बताते हैं कि इन बयानवीरों और उनके तीखे बयानों के बारे में:
साध्वी निरंजन ज्योति-

पश्चिमी दिल्ली के श्यामनगर में वोटरों को संबोधित करते हुए इस केंद्रीय मंत्री ने एक बार कहा था, “आपको तय करना है कि दिल्ली में सरकार रामजादों की बनेगी या हरामजादों की। यह आपका फैसला है।” इस बयान के बाद विपक्षी दलों की ओर से जमकर आवाज उठाई गई थी और मोदी पर अपने मंत्रियों को उनके ओछे बयानों को लेकर नहीं टोकने के आरोप भी लगे थे।
योगी आदित्यनाथ-

यूपी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ हिंदू विचारधार के अग्रणी नेता हैं। योगी बॉलीवुड के स्टार अभिनेता शाहरुख खान की तुलना आतंकी हाफिज सईद से करने और उन्हें पाकिस्तान भेजने की मांग किए जाने को लेकर चर्चा में आए थे। उन्होंने शाहरुख को धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि शाहरुख को याद रखना चाहिए कि उन्हें स्टार बनाने वाली भीड़ यदि उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर दे तो उन्हें भी किसी आम मुसलमान की तरह सड़कों पर भटकना पड़ेगा। योगी ने शाहरुख के लिए कहा था कि मैं कह रहा हूं कि यह लोग आतंकियों की भाषा बोलते हैं।
साक्षी महाराज-

यूपी के उन्नाव जिले से सांसद साक्षी महाराज ने लव जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि मदरसे इस देख में आतंकवादी बना रहे हैं। उनके छात्र हिंदू लड़कियों से शादी कर रहे हैं। ताकि वह इस देश में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ा सकें। साक्षी महाराज ने 2015 में मेरठ में हिंदू महिलाओं से अपील की थी कि वह कम से कम 4 हिंदू बच्चे पैदा करें। ताकि भारत में हिंदू धर्म को बचाया जा सके। इसके अलावा साक्षी ने घर वापसी अभियान का पक्ष लेते हुए कहा था कि गौहत्या करने वालों को मौत की सजा होनी चाहिए।
साध्वी प्राची-

कट्टर हिंदू नेता की छवि वाली यह नेता यूं तो अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में घिरी रहती हैं। लेकिन उन्होंने हाल में बयान दिया था कि मुस्लिम धर्म उपदेशक डॉ. जाकिर नायक का सर काट कर लाने वाले को 50 लाख रुपए का इनाम देंगी। उनके इस बयान की भारी निंदा हुई थी। प्राची ने कहा था कि भारत को एक मुस्लिम मुक्त राज्य बनाने का वक्त आ गया है। साथ ही साध्वी ने एक बार यह भी आरोप लगाए थे कि बॉलीवुड स्टार शाहरुख और सलमान खान की फिल्में सांप्रदायिक माहौल खराब करने का काम करती हैं।
दयाशंकर सिंह-

भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
सिंह का मामला वर्तमान में काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा कि ”मायावती किसी वेश्या की तरह टिकट बेच रही हैं। वह एक करोड़ रुपए में टिकट बेच देती हैं, लेकिन उसी दौरान यदि कोई 2 करोड़ देने को राजी हो जाता है तो वह घंटे भर के भीतर उस 2 करोड़ वाले को टिकट बेच देती हैं। और शाम तक यदि कोई 3 करोड़ देने वाला आ गया तो वह उसे टिकट दे देती हैं। वह एक वेश्या से भी बदतर महिला हैं।”