मूलनिवासी बहुजन समाज के लोग भयानक संकट में फंसे हैं -वामन मेश्राम


आज मूलनिवासी बहुजन समाज के लोग किस भयानक संकट में फंस गये हैं इस बात का उन्हें आकलन नहीं है। एक बुनियादी बात ध्यान में रखना आवश्यक है कि यदि आप वर्तमान में अपना कोई निर्णय बनाना चाहते हैं तो आपको अपना निर्णय बनाने के लिए वर्तमान में आपके पास अपना आकलन होना चाहिए। वर्तमान परिस्थिति का आकलन होगा और यदि वह परिस्थिति आपके लिए प्रतिकूल है तो उसे बदलने के लिए आप अपना निर्णय बना सकते हैं। मगर परिस्थिति अनुकूल है या प्रतिकूल है यह समझना, आकलन करने पर ही निर्भर करता है। आकलन करने पर यदि पता चला कि परिस्थिति अनुकूल है तो उस परिस्थिति का लाभ उठाने हेतू रणनीति बनायी जा सकती है। अगर प्रतिकूल परिस्थिति है तो प्रतिकूल परिस्थिति को बदलने के लिए रणनीति बनायी जा सकती है। यह सब कुछ वर्तमान परिस्थिति के आकलन पर निर्भर करता है। आज मूलनिवासी बहुजन समाज के लोग जिस भयानक संकट में फँसे हैं इस बात का लोगों को एहसास नहीं है। हमारे देश का जो लोकतंत्र है, इस लोकतंत्र ने कौनसा आकार और प्रकार धारण कर लिया है इसके बारे में हमारे लोगों के पास कोई आकलन नहीं है, कोई समझ नहीं है और इस वजह से संकट और ज्यादा गहरा होता जा रहा है। -वामन मेश्राम