दलित अत्याचार के खिलाफ अहमदाबाद से ऊना तक ऐतिहासिक ''आजादी कूच'' शुरू

अहमदाबाद। गुजरात के ऊना में दलित अत्याचार के विरोध में उठी विरोध की लहर अब अंबेडकर लहर बन चुकी है। यहां से भारी संख्या में दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम समुदाय के लोग ऐतिहासिक आजादी ''कूच'' के अंतर्गत ऊना रवाना हुए। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेपथ्य में यह दल दस दिवसीय पैदल मार्च कर स्वतंत्रता दिवस पर दूसरी आजादी का नीला परचम फहराएगा। 

रिपोर्टर निसार सिद्दीकी ने यहां से बताया कि इस इनमें मुस्लिम समुदाय की भारी भागीदारी है। रास्ते में मुस्लिम समुदाय इन लोगों पर फूल बरसा रहा है। ये लोग उस गुजरात मॉडल से भी आजादी चाहते हैं जो दलितों को बेरहमी से पीटता है। 5 अगस्त से शुरू हुई इस यात्रा का अंतिम पड़ाव 15 अगस्त को ऊना में होगा। यह होगा देश की आजादी के दिन आजादी की घोषणा का दिन पंद्रह अगस्त... इन्हीं तमाम बर्बरताओं से...!

इस यात्रा में आईपीएस राहुल शर्मा भी शामिल हुए हैं। उन्होंने निसार सिद्दीकी को बताया कि पूरे गुजरात में दलितों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है। पुलिस अधिकारी होने के बावजूद वे इस मार्च में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह पीड़ितों को थाने के सामने बुरी तरह पीटा गया वह वाकई कई तरह के सवाल खड़ा करता है। पुलिस की लापरवाही और दलितों के प्रति नफरत भी इस घटना से सामने आई है। राहुल शर्मा खुद ऊना तक मार्च में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ऊना की घटना वाकई बर्बरतापूर्ण है।