हैदराबाद-नई दिल्ली: शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. चेक बाउंस मामले में हैदराबाद की एक अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. इस बीच, माल्या ने एक इंटरव्यू में कहा है कि उनके भारत लौटने का सही समय नहीं है.
जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को दिये गये 50 लाख रपये का चेक बाउंस होने के मामले में उद्योगपति विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया है. शहर की एक अदालत ने माल्या के इस मामले में पेश नहीं होने के बाद उनके खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया. इस बीच, माल्या पर जारी विवाद के बीच वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि सरकार जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाले यानी सभी ‘विल्फुल डिफाल्टररों’ पर कड़ी कार्रवाई करेगी और किसी को बख्शा नहीं जाएगा. उधर, केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडार दत्तात्रेय ने कहा कि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के भविष्य निधि (पीएफ) योगदान में विसंगति के बारे में जांच की जायेगी.
माल्या के वकील ने कहा कि वह गैर जमानती वॉरंट को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय जाएंगे. 14वें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 10 मार्च को अब ठप खड़ी किंगफिशर एयरलाइंस, उसके चेयरमैन विजय माल्या और कंपनी के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यह गैर जमानती वॉरंट जारी किया. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 13 अप्रैल तय की है.
जीएमआर के वकील जी अशोक रेड्डी ने कहा कि माल्या और अन्य को अदालत के समक्ष 10 मार्च को पेश होना था. वे पेश नहीं हुए. ऐसे में अदालत ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया जिसे 13 अप्रैल तक तामील किया जाना है. उन्होंने बताया कि जीएमआर को 8 करोड़ रपये के भुगतान के कुल 11 मामले हैं. गैर जमानती वॉरंट 50 लाख रपये के चेक बाउंस मामले में जारी किया गया है.