नई दिल्ली: देशद्रोह मामले में जमानत पर बाहर जेएनयूएसयू (जवाहर लाल यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन) अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक जुलूस की अगुवाई की और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर तीखा हमला करते हुए शैक्षिक संस्थानों को निशाना बनाने के लिए उनके इस्तीफे की मांग की. जंतर मंतर के निकट प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें अपना बच्चा कहा लेकिन उन्होंने कभी भी मेरी मां या रोहित वेमुला की मां से बात नहीं की. मुझे उनका बच्चा नहीं कहलाना. हम मांग करते हैं कि जिस तरह शैक्षिक संस्थानों पर हमला हो रहा है उन्हें इस्तीफा देना चाहिए.’’
देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए जेएनयू के छात्र मंडी हाउस से संसद तक जुलूस निकाल रहे थे. प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने जंतर मंतर के निकट रोक दिया. उन्होंने कहा, ‘‘स्मृति ईरानी कहती हैं कि वह स्कूली बच्चों की मां है. ठीक है माताजी, क्या आपने रोहित वेमुला या मेरी मां को फोन किया और कहा, ‘आपके बेटे ने भले कुछ किया हो लेकिन मैं आपके साथ खड़ी हूं.’’ कन्हैया ने कहा, ‘‘मेरे साथ मेरी मां को भी देशद्रोही कहा गया. रोहित वेमुला की मां को भी देशद्रोही बना दिया गया. आप आंसू बहाती हैं. आपकी आंसू फर्जी हैं, आपकी हंसी फर्जी है आपका बयान फर्जी है.’’
जेएनयूएसयू अध्यक्ष ने जेएनयू शोधार्थियों (रिसर्चर्स) की फेलोशिप को भी जारी करने की मांग की. कन्हैया ने कहा, ‘‘एक मंत्री ने कहा कि आप छात्र हैं तो पढ़ाई कीजिए. हम पढ़ना चाहते हैं. आप मंत्री हैं हमारी फेलोशिप जारी कीजिए. हमें नौकरी दीजिए. कोई भी जंतर मंतर आने में, जेल जाने में या आत्महत्या करने में रुचि नहीं रखता. आपने हमें आत्महत्या के लिए मजबूर किया है.’’ कन्हैया ने आरएसएस पर भी निशाना साधा और कहा कि छात्र संगठन (आरएसएस) के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘वो कहते हैं जेएनयू में देशद्रोही रहते हैं, हम कहना चाहते हैं, मोदीजी हम देशद्रोही नहीं बल्कि आरएसएस के खिलाफ द्रोह कर रहे हैं.’’ भाषण के दौरान चार लोगों ने विभिन्न जगहों पर कन्हैया पर हमले की कोशिश की जिसे छात्रों और पुलिस ने नाकाम कर दिया और चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया. छात्र नेता ने यह भी कहा कि वह राजनीति में शामिल होने को इच्छुक नहीं हैं और वह आंदोलन के व्यक्ति हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुडुंगा. मैं आंदोलन का व्यक्ति हूं और मैं आंदोलन जारी रखूंगा.’’ कन्हैया ने कहा कि आरएसएस भारतीय संस्कृति की रक्षा नहीं कर सकता क्योंकि उसे इस बारे में कुछ पता ही नहीं है. अपने उपर हमले के बाद कन्हैया ने कहा, ‘‘लोगों ने तब मुझे मारने की कोशिश की जब मैं देश के बारे में बात कर रहा था. यह सही वक्त है जब देश देशभक्ति और मोदी भक्ति के बीच अंतर को समझे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे बार-बार हम पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि हम उनसे नहीं डरते हैं. गुजरात में जो हुआ वह हम यूपी में नहीं होने देंगे.’’