लखनऊ. जेएनयू मामला न सिर्फ अाम पब्लिक के बीच में बल्कि सेलेब्स के
बीच में भी चर्चा का विषय बनता जा रहा है। रविवार को टेलीविजन शो 'सावधान
इंडिया सुरक्षा उत्सव' में हिस्सा लेने राजधानी लखनऊ पहुंचे एक्टर सुशांत
सिंह से जब जेएनयू मुद्दे पर पूछा गया तो उनका कहना था कि मामले का जिस तरह
से मीडिया ट्रायल हो रहा है वो ठीक नहीं। केवल शक के आधार पर आप किसी को
देशद्रोही नहीं कह सकते। जब तक सच सामने नहीं आ जाता किसी को दोषी ठहराना
सही नहीं। गोमती नगर स्थित अवध स्कूल में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में
सुशांत के साथ एक्ट्रेस दिव्या दत्ता भी पहुंची।
सोशल मीडिया पर अफवाएं ज्यादा फैल रहीं
सुशांत के मुताबिक सोशल मीडिया अपने विचारों को रखने का प्लेटफॉर्म है न कि अफवाएं फैलाने का लेकिन बीते कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि जिस तरह हर मुद्दे पर हाय-तौबा मच रही है वो सही संकेत नहीं है। इसे अराजकता बढ़ने के चांसेज रहते हैं। हमें खुद से सयंम बरतना चाहिए। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल जरूरी है। सोशल मीडिया एक ऐसा प्लैटफॉर्म बन चुका है जहां हर कोई किसी न किसी बात पर रियेक्शन दे रहा है। वहां अलग ही मीडिया का निर्माण हो रहा है। वहां बनने वाले ओपिनियन को पूरे देश का ओपिनियन मान लिया जाता है।
कन्हैया की स्पीच मैंने भी पढ़ी
सुशांत के मुताबिक उन्होंने दोनो कन्हैया से जुड़े कई वीडियो देखे लेकिन अभी तक वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएं हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार की स्पीच पढ़ी जो एक इंग्लिश न्यूजपेपर में छपी थी। अगर मैं उस आधार पर स्पीच की बात करूं तो कन्हैया ने जो बोला उसमें कहीं देशद्रोह वाली बात नहीं थी। केवल शक के आधार पर देशद्रोही कहना ठीक नहीं, मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसी के साथ कोर्टरूम में कन्हैया कुमार और पत्रकारों के साथ जो मारपीट हुई थी वो बेहद शर्मनाक है। पुलिस ने कुछ कदम क्यों नहीं उठाया। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि वे वकील नहीं थे तो इस मामले की जांच अभी तक क्यों नहीं हुई।'
बच्चों को दिए सेफ्टी टिप्स
इस दौरान सुशांत और दिव्या ने स्टूडेंट्स द्वारा लगाई गई एग्जीबिशन भी देखी। उन्होंने स्टूडेंट्स की क्रियेटिविटी को सराहा। इसके अलावा उन्होंने स्टूडेंट्स को सेफ्टी टिप्स भी दिए। स्टूडेंट्स को सुशांत और दिव्या का साथ बेहद पसंद आया।
सोशल मीडिया पर अफवाएं ज्यादा फैल रहीं
सुशांत के मुताबिक सोशल मीडिया अपने विचारों को रखने का प्लेटफॉर्म है न कि अफवाएं फैलाने का लेकिन बीते कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि जिस तरह हर मुद्दे पर हाय-तौबा मच रही है वो सही संकेत नहीं है। इसे अराजकता बढ़ने के चांसेज रहते हैं। हमें खुद से सयंम बरतना चाहिए। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल जरूरी है। सोशल मीडिया एक ऐसा प्लैटफॉर्म बन चुका है जहां हर कोई किसी न किसी बात पर रियेक्शन दे रहा है। वहां अलग ही मीडिया का निर्माण हो रहा है। वहां बनने वाले ओपिनियन को पूरे देश का ओपिनियन मान लिया जाता है।
कन्हैया की स्पीच मैंने भी पढ़ी
सुशांत के मुताबिक उन्होंने दोनो कन्हैया से जुड़े कई वीडियो देखे लेकिन अभी तक वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाएं हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने स्टूडेंट लीडर कन्हैया कुमार की स्पीच पढ़ी जो एक इंग्लिश न्यूजपेपर में छपी थी। अगर मैं उस आधार पर स्पीच की बात करूं तो कन्हैया ने जो बोला उसमें कहीं देशद्रोह वाली बात नहीं थी। केवल शक के आधार पर देशद्रोही कहना ठीक नहीं, मामले की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसी के साथ कोर्टरूम में कन्हैया कुमार और पत्रकारों के साथ जो मारपीट हुई थी वो बेहद शर्मनाक है। पुलिस ने कुछ कदम क्यों नहीं उठाया। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि वे वकील नहीं थे तो इस मामले की जांच अभी तक क्यों नहीं हुई।'
बच्चों को दिए सेफ्टी टिप्स
इस दौरान सुशांत और दिव्या ने स्टूडेंट्स द्वारा लगाई गई एग्जीबिशन भी देखी। उन्होंने स्टूडेंट्स की क्रियेटिविटी को सराहा। इसके अलावा उन्होंने स्टूडेंट्स को सेफ्टी टिप्स भी दिए। स्टूडेंट्स को सुशांत और दिव्या का साथ बेहद पसंद आया।