हालांकि यह पहली बार नहीं हैं जब भाजपा के किसी नेता की ओछी टिप्पणी या बयानबाजी के चलते पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा हो। पढ़िए इससे पहले कब-कब हुआ ऐसा
विवादित बयान देने में आगे रहने वाले भाजपा सांसद।
भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह का एक बयान पार्टी के लिए गले की हड्डी बन गया। दरअसल उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती की तुलना वेश्या से कर दी। सिंह ने कहा कि मायावती पैसे लेकर टिकट बांटती हैं और वह सेक्स वर्कर्स से भी ज्यादा बद्तर महिला हैं। सिंह ने कहा कि मायावती अपने ग्राहकों के प्रति ज्यादा वफादार हैं। यह मुद्दा राज्य राज्यसभा में जमकर गूंजा और सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई। भाजपा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल दयाशंकर को पद से हटा दिया और शाम होते-होते उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित भी कर दिया। सिंह के बयान की सभी राजनैतिक दलों ने एक सुर से निंदा की थी। खुद प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर सिंह को उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष पद समेत पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है। यही नहीं, पार्टी ने सिंह को 6 साल के लिए सस्पेंड भी किया है।
मायावती पर अभद्र टिप्पणी को लेकर बुधवार को संसद में खूब हंगामा मचा। बयान की जानकारी मिलते ही राज्यसभा में मायावती ने पुरजोर तरीके से अपना पक्ष रखा। उन्होंने चेतावनी भी दी थी कि अगर ‘इस मामले पर किसी तरह की हिंसा भड़कती है तो बसपा या वे उसे रोक नहीं पाएंगी।’ हालांकि यह पहली बार नहीं हैं जब भाजपा के किसी नेता की ओछी टिप्पणी या बयानबाजी के चलते पार्टी को शर्मिंदा होना पड़ा हो। पार्टी के बयान बहादुरों में साध्वी निरंजन ज्योति, योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज और ऐसे कई चेहरे शामिल हैं। आइए आपको बताते हैं कि इन बयानवीरों और उनके तीखे बयानों के बारे में:
साध्वी निरंजन ज्योति-
पश्चिमी दिल्ली के श्यामनगर में वोटरों को संबोधित करते हुए इस केंद्रीय मंत्री ने एक बार कहा था, “आपको तय करना है कि दिल्ली में सरकार रामजादों की बनेगी या हरामजादों की। यह आपका फैसला है।” इस बयान के बाद विपक्षी दलों की ओर से जमकर आवाज उठाई गई थी और मोदी पर अपने मंत्रियों को उनके ओछे बयानों को लेकर नहीं टोकने के आरोप भी लगे थे।
योगी आदित्यनाथ-
यूपी के गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ हिंदू विचारधार के अग्रणी नेता हैं। योगी बॉलीवुड के स्टार अभिनेता शाहरुख खान की तुलना आतंकी हाफिज सईद से करने और उन्हें पाकिस्तान भेजने की मांग किए जाने को लेकर चर्चा में आए थे। उन्होंने शाहरुख को धमकाने वाले अंदाज में कहा था कि शाहरुख को याद रखना चाहिए कि उन्हें स्टार बनाने वाली भीड़ यदि उनकी फिल्मों का बहिष्कार कर दे तो उन्हें भी किसी आम मुसलमान की तरह सड़कों पर भटकना पड़ेगा। योगी ने शाहरुख के लिए कहा था कि मैं कह रहा हूं कि यह लोग आतंकियों की भाषा बोलते हैं।
साक्षी महाराज-
यूपी के उन्नाव जिले से सांसद साक्षी महाराज ने लव जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि मदरसे इस देख में आतंकवादी बना रहे हैं। उनके छात्र हिंदू लड़कियों से शादी कर रहे हैं। ताकि वह इस देश में मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ा सकें। साक्षी महाराज ने 2015 में मेरठ में हिंदू महिलाओं से अपील की थी कि वह कम से कम 4 हिंदू बच्चे पैदा करें। ताकि भारत में हिंदू धर्म को बचाया जा सके। इसके अलावा साक्षी ने घर वापसी अभियान का पक्ष लेते हुए कहा था कि गौहत्या करने वालों को मौत की सजा होनी चाहिए।
साध्वी प्राची-
कट्टर हिंदू नेता की छवि वाली यह नेता यूं तो अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में घिरी रहती हैं। लेकिन उन्होंने हाल में बयान दिया था कि मुस्लिम धर्म उपदेशक डॉ. जाकिर नायक का सर काट कर लाने वाले को 50 लाख रुपए का इनाम देंगी। उनके इस बयान की भारी निंदा हुई थी। प्राची ने कहा था कि भारत को एक मुस्लिम मुक्त राज्य बनाने का वक्त आ गया है। साथ ही साध्वी ने एक बार यह भी आरोप लगाए थे कि बॉलीवुड स्टार शाहरुख और सलमान खान की फिल्में सांप्रदायिक माहौल खराब करने का काम करती हैं।
दयाशंकर सिंह-
भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है।
सिंह का मामला वर्तमान में काफी चर्चा में है। उन्होंने कहा कि ”मायावती किसी वेश्या की तरह टिकट बेच रही हैं। वह एक करोड़ रुपए में टिकट बेच देती हैं, लेकिन उसी दौरान यदि कोई 2 करोड़ देने को राजी हो जाता है तो वह घंटे भर के भीतर उस 2 करोड़ वाले को टिकट बेच देती हैं। और शाम तक यदि कोई 3 करोड़ देने वाला आ गया तो वह उसे टिकट दे देती हैं। वह एक वेश्या से भी बदतर महिला हैं।”